ग्वालियर मध्य प्रदेश के ग्वालियर की महिला ने राजस्थान की राजधानी जयपुर के व्यापारी को पहले हनीट्रैप में फंसाया और फिर दिल्ली बुलाकर 50 लाख रुपये की मांग की। रुपये नहीं मिले तो अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर शव को नाले में फेंका और चारधाम की यात्रा पर चली गई। हत्यारों में महिला का पति भी शामिल है।
मामला ग्वालियर से शुरु होकर जयपुर होते हुए दिल्ली में जाकर खत्म हुआ। घटना के 20 दिन बाद पुलिस ने घटनाक्रम का पर्दाफाश किया है। जयपुर कमिश्नरेट की गलता गेट पुलिस ने एक युवती सहित चार आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक व्यापारी का शव भी दिल्ली स्थित एक गंदे नाले से बरामद कर लिया गया है।
50 लाख रुपये के लिए ली जान
जयपुर पुलिस का कहना है कि युवती ने पहले व्यापारी को अपने प्रेम जाल में फंसाया और फिर अपने पति सहित अन्य साथियों के साथ मिलकर मोटी रकम वसूलने का षड्यंत्र रचा था। पुलिस ने जिन आरोपितों को पकड़ा है, उनमें मुख्य रूप से ग्वालियर की रहने वाली अंजली सोनी, उसका पति मुरैना निवासी प्रदीप, दिल्ली निवासी संतोष कुमार और विजय शामिल हैं।
ग्वालियर निवासी अंजली अपने प्रेमी प्रदीप के साथ प्रेम प्रसंग के चलते भागकर जयपुर जा पहुंची थी। यहां दोनों ने शादी रचा ली। अंजली का पति प्रदीप जयपुर में ई-रिक्शा चलाने लगा, जिसके चलते उसका संपर्क ई-रिक्शा की बैटरी का व्यापार करने वाले दिलीप सांवरिया से हुआ। दोनों का मिलना-जुलना बढ़ गया और आए दिन प्रदीप का उसके पास आना-जाना रहता था। इसी बीच प्रदीप की पत्नी अंजली ने हनी ट्रैप की पूरी साजिश रची।
पहले लिए उधार रुपये, फिर प्रेम जाल में फंसाया
षड्यंत्र की शुरुआत में प्रदीप की पत्नी अंजली ने व्यापारी दिलीप से जान पहचान बढ़ाई। कुछ समय बाद अंजली ने पैसों की जरूरत बताकर व्यापारी से कुछ रुपये उधार लिए। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत बढ़ गई और युवती ने व्यापारी को प्रेम जाल में फंसाना शुरू कर दिया।
जाल में फंसाने के लिए उसने दिलीप के साथ शारीरिक संबंध भी बना लिए और फिर ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। धन ऐंठते हुए उनके दिमाग में आया कि व्यापारी के पास खूब पैसा है और यह लाखों रुपये दे सकता है। फिर महिला ने अपने साथियों के साथ मिलकर साजिश रची और वारदात को अंजाम दिया।
वारदात से पहले पहुंची दिल्ली
वारदात से कुछ दिन पहले आरोपित अंजली सोनी दिल्ली चली गई। वहां पहुंचकर उसने अपने साथियों के साथ पूरी योजना बनाई। अंजली ने 20 मई को फोन करके दिलीप सांवरिया को दिल्ली बुलाया। दिलीप दिल्ली पहुंचा तो अंजली, उसके पति और चार अन्य बदमाशों ने उसे बंधक बना लिया। फिर छोड़ने के एवज में 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी। जब रुपये नहीं मिले तो 21 मई को आरोपितों ने दिलीप की हत्या कर शव को नाले में फेंक दिया।