काठमांडू : नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। काठमांडू पोस्ट के अनुसार, वह संसद में विश्वास मत हार गए। 19 महीने सत्ता में रहने के बाद उन्हें पीएम पद छोड़ना पड़ा।फ्लोर टेस्ट में प्रचंड को 275 में से 63 सांसदों का सपोर्ट मिला। नेशनल असेंबली के 194 सांसदों ने उनके खिलाफ वोट किया। उन्हें सरकार बचाने के लिए 138 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता थी।
इस महीने की शुरुआत में चीनी समर्थक केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN-UML ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल से गठबंधन तोड़ने का फैसला किया। इसके बाद प्रचंड की सरकार अल्पमत में आ गई। देश के संविधान के अनुच्छेद 100 (2) के तहत उन्हें एक महीने में बहुमत साबित करना था, जिसमें आज (शुक्रवार) वे फेल हो गए।
पुष्प कमल दहल का पांचवां शक्ति परीक्षण था
पुष्प कमल दहल 25 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नियुक्त हुए थे। दहल ने पहली बार 10 जनवरी 2023 को फ्लोर टेस्ट का सामना किया था। तब उन्हें 268 वोट मिले थे। दहल ने तीन महीने बाद ही दूसरा विश्वास प्रस्ताव जीता, क्योंकि उन्होंने सीपीएन-यूएमएल से नाता तोड़कर नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। उस समय उन्हें 172 सांसदों का सपोर्ट मिला था।
4 मार्च को दहल ने फिर कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़कर सीपीएन-यूएमएल और अन्य दलों से हाथ मिला लिया, जिसके बाद उन्हें तीसरी बार विश्वास मत हासिल करना पड़ा। तब उन्हें 157 वोट मिले थे। इस साल मई में पुष्प कमल को फिर से सदन में उपस्थित होना पड़ा, जहां उन्होंने 157 वोटों के साथ चौथी बार फ्लोर टेस्ट पास किया। हालांकि पांचवीं बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।