कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे के उलट बयान दिया है. भाजपा नेता शुभेंदु का कहना है कि ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे को बदलने की जरूरत है. कोलकाता में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में अधिकारी ने कहा कि मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी और आपने भी कहा था- ‘सबका साथ, सबका विकास’. लेकिन मैं अब यह नहीं कहूंगा. इसके बजाय, अब हम कहेंगे, ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ’…यह ‘सबका साथ, सबका विकास’ बंद करो.
साथ ही अधिकारी ने कहा कि भाजपा में अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है, इसे भी भंग किया जाना चाहिए. भाजपा नेता का कहना है कि अगर हम राज्य में जीतेंगे तो हिंदुओं को बचाएंगे. उन्होंने संविधान की रक्षा करने की भी बात कही.
अधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदू और संविधान को बचाने की लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से उनका समर्थन करने का आग्रह किया. अधिकारी ने कहा, ‘मुझे जो कहना था, वह कह दिया है. लड़ाई जारी रहेगी. क्या आप सभी मेरे साथ जुड़ेंगे? क्या हम पहले की तरह मिलकर लड़ेंगे? हम जीतेंगे. हम हिंदुओं को बचाएंगे, संविधान को बचाएंगे.
विवादास्पद बयान शुभेंदु अधिकारी की सफाई…
हालांकि, उनके इस बयान को लेकर मीडिया में चर्चा शुरू होने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने सफाई दी और कि यह उनका निजी बयान है. इसका पार्टी की विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है. अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह नारा दिया था, जो आज भी है. भाजपा कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने बहुत दुख के साथ अपनी बात रखी कि पार्टी को अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा होना चाहिए, न कि उन लोगों के साथ जो भाजपा के साथ नहीं देते हैं.
अधिकारी ने कहा कि यह राजनीतिक बयान है और इसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे से कोई लेना-देना नहीं है. जब मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाता हूं, तो वहां विकास कार्यों से हिंदू और मुसलमान दोनों को फायदा होता है. फिर भी हमें सुनने को मिलता है कि भाजपा एक हिंदू पार्टी है, हमें काले झंडे दिखाए जाते हैं और हमारी गाड़ियों पर पत्थर फेंके जाते हैं. हमने अब तक जो कुछ भी किया है, वह देश के हर नागरिक के लिए है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
पीएम मोदी ने दिया ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र की सत्ता में आने के बाद ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया था. बाद में उन्होंने इसमें ‘सबका विश्वास और सबका प्रयास’ भी जोड़ा, जो काफी लोकप्रिय हुआ था. भाजपा ने अपने अभियानों में इसे प्रमुखता से शामिल किया था.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पश्चिम बंगाल में 18 से 12 सीटों पर सिमट गई, जबिक टीएमसी ने 42 में से 29 सीटें जीती थीं. इसके बाद हुए विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को सभी चार सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. अधिकारी ने बीते रविवार को न्यूज एजेंसी एएनआई ने बात करते हुए आरोप लगाया था कि 50 लाख से अधिक ‘हिंदुओं’ को लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देने दिया गया और दो लाख से अधिक लोगों को उपचुनाव में मतदान करने से रोका गया.