asd
31 C
Ahmedabad
Monday, September 16, 2024

विश्व में खजुराहोका रहस्यमयी शिवलिंग जिसकी हर साल बढ़ती है लंबाई, विज्ञानभी इस चमत्कारसे अनजान


बुंदेलखंड में मतंगेश्‍वर मंदिर खजुराहो एक ऐसा मंदिर जहां स्थापित शिवलिंग के नीचे मणि: भगवान शिव की सैकड़ों वर्षोंसे की जा रही आराधना

Advertisement

वीर भूमि बुंदेलखंड में छतरपुर जिले के खजुराहो में बने मंदिर अपनी वास्तुकला और काम कला पर आधारित मूर्तियों के लिए मशहूर है l खजुराहो सिर्फ मंदिरों के लिए ही नहीं बल्कि अनेक मिथकों, कहानियों, रण कौशल और वीरता के लिए जाना जाता है।

Advertisement

मतंगेश्वर के नाम से विराजमान हैं महादेव
मान्यता है कि खजुराहो में मंदिर केवल आराधना के उद्देश्य से ही नहीं बनवाए गए थे l बल्कि इनका उद्देश्य आम लोगों को यौन शिक्षण देने के साथ साथ तांत्रिक पूजा संपन्न कराना था लेकिन यहां का मतंगेश्वर मंदिर आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है

Advertisement

यहीं पर हुआ था शिव पार्वती का विवाह
भगवान शिव को समर्पित मतंगेश्‍वर मंदिर में सैकड़ों वर्षों से महादेव की आराधना की होती आ रही है l इस मंदिर से चमत्कार और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं, जिसकी वजह से श्रद्धालु यहां भगवान शिव का आशीर्वाद लेने दूर दूर से आते हैं l यहां के लोगों की मान्यता है कि खजुराहो ही वे स्थान है, जहां भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था l

शिवलिंग के नीचे मणि स्थापित होने की है मान्यता

एक प्रचलित कथा के अनुसार मंदिर में स्थापित शिवलिंग के नीचे एक मणि है जो भक्तों की हर मनोकामना को पूरी करती है. पुराण कथाओं के मुताबिक भगवान शिव के पास मरकत मणि थी, जिसे उन्होंने पांडवों में सबसे ज्येष्ठ युधिष्ठिर को दिया था l युधिष्ठिर ने मणि मतंग ऋषि को दी थी जिसके बाद यह मणि उन्होंने राजा हर्षवर्मन को दे दी l मतंग ऋषि की मणि की वजह से ही इनका नाम मतंगेश्वर महादेव पड़ा l ऐसा कहा जाता है कि मतंग ऋषि ने मतंगेश्वर महादेव के 18 फीट के शिवलिंग के नीचे मणि सुरक्षा की दृष्टि से गाड़ दी थी l यह इस मणि और महादेव का ही प्रताप है कि यहां मांगी हुई हर मुराद पूरी हो जाती है

Advertisement

हर साल बढ़ जाता है शिवलिंग………
मंदिर का सबसे बड़ा आकर्षण है यहां का ढाई मीटर ऊंचा शिवलिंग। मतंगेश्‍वर शिव मंदिर में बने शिवलिंग के बारे में माना जाता है कि हर साल तिल के बराबर इसकी ऊंचाई बढ़ जाती है l मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो के सभी मंदिरों में सबसे पवित्र माना जाता है l इस मंदिर के स्तंभ और दीवारों पर यहां के बाकी मंदिरों की तरह कामुक मूर्तियां आदि नहीं उकेरी गई हैं।
इस शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से भी लोग जानते हैं। कहा जाता है कि ये शिवलिंग जितना जमीन से ऊपर दिखाई देता है, उससे ज्यादा जमीन में दबा है

Advertisement

चंदेल वंश के राजाओं ने बनवाया था मंदिर
इस मंदिर का निर्माण चंदेल राजाओं द्वारा 9वीं सदी में करवाया गया था l खजुराहो का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है l यह शहर चंदेल साम्राज्‍य की प्रथम राजधानी था l चंदेल वंश और खजुराहो के संस्थापक चन्द्रवर्मन थे l चंद्रवर्मन मध्यकाल में बुंदेलखंड में शासन करने वाले राजपूत राजा थे, वे अपने आप को चन्द्रवंशी मानते थे l

Advertisement
Advertisement

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -
- Advertisement -

વિડીયો

- Advertisement -
error: Content is protected !!