बाराबंकी : वाहन चेकिंग के दौरान नगर कोतवाली पुलिस ने एक मजिस्ट्रेट के वाहन पर लगी नीली बत्ती को उतरवा दिया। इस कार्रवाई का वीडियो प्रसारित हुआ तो मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा और कुछ ही देर बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई में शामिल कोतवाली नगर के एसएसआइ व एक चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया।
कोतवाली नगर अंतर्गत पटेल तिराहे पर बुधवार शाम कोतवाली पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान उत्तर प्रदेश सरकार लिखी और नीली बत्ती लगी एक बोलेरो को पुलिस ने रोक लिया। पुलिस कर्मियों के पूछने पर चालक ने बताया कि वाहन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट का है, लेकिन पुलिस ने बत्ती को उतरवा दिया। इसकी जानकारी अतिरिक्त मजिस्ट्रेट ने उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई।
एसपी ने दो को लिया लाइन हाजिर
मामले का संज्ञान लेकर एसपी ने प्रारंभिक जांच कराई तो पता चला कि उस दौरान वहां पर नगर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक विष्णु कुुमार शर्मा और आवास विकास चौकी इंचार्ज मनोज सिंह मौजूद थे, जो इस कार्रवाई में शामिल थे। इसके बाद एसपी ने दोनों को लाइन हाजिर कर दिया।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, जिस वाहन से बत्ती उतरवाई गई, वह अतिरिक्त मजिस्ट्रेट का है। चालक अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को उनके आवास पर छोड़कर जा रहा था और बत्ती भी बंद थी। आपदा प्रबंधन के तहत अतिरिक्त मजिस्ट्रेट बत्ती लगाने के लिए अधिकृत हैं। इस कारण पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गई है।
किसका है वाहन
यह वाहन शहावपुर मसौली निवासी नेहा वर्मा के नाम पंजीकृत बताया जा रहा है, जिसकी सिर्फ बत्ती उतराई गई है, चालान नहीं किया गया। बताया जाता है कि वाहन अनुबंधित है, जिसका नियमानुसार भुगतान किया जा रहा है।
चर्चा यह भी है
बताया जाता है कि परिवहन विभाग गजट में अतिरिक्त मजिस्ट्रेट बहुरंगी बत्ती लगाने के लिए अधिकृत हैं अथवा नहीं, बहुत स्पष्ट उल्लेख नहीं किया गया है। वहीं इस बत्ती का प्रयोग ड्यूटी के दौरान और उस समय मान्य होता है, जब अधिकारी वाहन में बैठा हो, जबकि कहा जा रहा है कि जिस समय पुलिस ने बत्ती उतरवाई, उस समय महिला मजिस्ट्रेट के परिवार के सदस्य बैठे हुए थे।
पुलिस बल के मनोबल को घटाने वाला
पूर्व आइपीएस अधिकारी व आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने महिला पीसीएस अफसर की गाड़ी पर लगी अवैध नीली बत्ती उतारे जाने के क्रम में उप निरीक्षक विष्णु कुमार शर्मा तथा मनोज कुमार सिंह को लाइन हाजिर किए जाने पर आपत्ति जताई है। डीजीपी को भेजे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि यह दोनों पुलिस अफसर अपना कर्तव्य पालन कर रहे थे और इन स्थितियों में उन्हें लाइन हाजिर किया जाना आपत्तिजनक तथा पुलिस बल के मनोबल को घटाने वाला है।