अहमदाबाद : गुजरात और राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में चांदीपुरा वायरस का संक्रमण फैला है। गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में चांदीपुरा वायरस के संक्रमण से चार बच्चों की मौत हो गई है। हालांकि वायरस की पुष्टि अभी नहीं हुई है। दो बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं। हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में दोनों बच्चों का इलाज चल रहा है।
क्या है चांदीपुरा वायरस?
चांदीपुरा वायरस से बुखार होता है, जिसके लक्षण फ्लू जैसे होते हैं। इससे मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। यह वायरस मच्छरों, मक्खियों, कीट-पतंगों द्वारा फैलता है। दरअसल, महाराष्ट्र के नागपुर के चांदीपुर गांव में वर्ष 1966 में 15 साल तक के बच्चों की मौत होने लगी थी। पता चला कि मौतें वायरस से हुईं। तभी से इस वायरस का नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया।साबरकांठा के मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी राज सुतारिया ने बताया कि सभी छह बच्चों के रक्त के नमूने की पुष्टि के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी) भेजे गए हैं। नतीजों का इंतजार किया जा रहा है।
विशेषज्ञों ने जताया ये संदेह
हिम्मतनगर सिविल अस्पताल में 10 जुलाई को चार बच्चों की मौत के बाद इस अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञों को संदेह कि इन बच्चों की मौत चांदीपुरा वायरस के कारण हुई। अस्पताल में भर्ती दो अन्य बच्चों में भी इसी तरह के लक्षण दिखे हैं। वे भी इसी वायरस से संक्रमित लग रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती दोनों बच्चे राजस्थान के
अब तक जिन चार बच्चों की मौत हुई है, उनमें से एक साबरकांठा जिले का था और दो पड़ोसी अरावली जिले के थे। एक बच्चा राजस्थान का था। अस्पताल में भर्ती दोनों बच्चे भी राजस्थान के हैं। गुजरात के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस संबंध में राजस्थान के अधिकारियों को सतर्क किया है।