नालंदाः 19 जून, बुधवार का दिन नालंदा और पूरे बिहार के लिए बेहद खास रहा, क्योंकि करीब 821 साल बाद देश की गौरवमयी विरासत नालंदा विश्वविद्यालय के नये कैंपस का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. ये दिन जितना खास था उतना ही खास था वो क्षण जब सीएम नीतीश कुमार ने हंसते हुए अपने हाथों में पीएम मोदी का हाथ लिया और उनकी अंगुली देखने लगे. इसके बाद सीएम ने फिर अपनी अंगुली भी पीएम को दिखाई, जिसके बाद पीएम भी मुस्कराने लगे.
वोटिंग वाली स्याही दिखा रहे थे !: समारोह के दौरान नालंदा यूनिवर्सिटी के चांसलर अरविंद पनगढ़िया का संबोधन चल रहा था कि अचानक कैमरा पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार पर फोकस हो जाता है. सीएम नीतीश कुमार हंसते हुए पीएम का हाथ पकड़ते हैं और फिर उनकी अंगुली में लगी वोटिंग वाली स्याही देखते हैं. पहले तो पीएम हैरान रह जाते हैं लेकिन फिर बड़े ध्यान से सीएम की बातें सुनते हैं.इसके बाद नीतीश कुमार पीएम को अपनी अंगुली भी दिखाते हैं. जिसके बाद पीएम मोदी के चेहरे पर मुस्कान बिखर जाती है.
मोदी-नीतीश का वीडियो हो गया वायरल :नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस के उद्घाटन के मौके का ये खास वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी खासी सुर्खियां बटोर रहा है. लोग इसे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार के बीच स्पेशल बॉन्डिंग भी कह रहे हैं और इसे NDA की मजबूती के रूप में भी देख रहे हैं.
सीएम ने पीएम को दिया धन्यवादः वहीं सीएम नीतीश कुमार ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नये कैंपस के उद्घाटन समारोह में पीएम के शामिल होने के लिए भी आभार जताया. सीएम ने कहा कि “आज आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा नालंदा यूनिवर्सिटी के संपूर्ण कैंपस का उद्घाटन किया जा रहा है.इसके लिए हम उनका हृदय से आभार व्यक्त करते हैं कि आप यहां आए हैं. संपूर्ण कैंपस का उद्घाटन होना बड़ी खुशी की बात है. राजगीर सबसे पौराणिक जगह है इसलिए यहां आकर आपको भी बहुत अच्छा लगेगा. दुनिया का सबसे पुराना जगह है राजगीर. यहीं पर सबकुछ होता था.”
455 एकड़ में बना है नया कैंपसः बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के राजगीर में अति प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया. करीब 455 एकड़ में बने इस कैंपस के उद्घाटन समारोह में दौरान सीएम नीतीश कुमार, विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित 17 देशों के राजदूत भी मौजूद रहे. इस अवसर पर पीएम ने कहा कि ‘मुझे तीसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है. ये मेरा सौभाग्य तो है ही, साथ ही मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं.’