asd
31 C
Ahmedabad
Sunday, November 3, 2024

JDU के सांगठनिक चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने किया खारिज


नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) के सांगठनिक चुनाव को चुनौती देने वाली जेडीयू के पूर्व नेता गोविंद यादव की याचिका को खारिज कर दिया. शुक्रवार को जस्टिस पुरुषेंद्र कौरव की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसी कोई वजह नहीं है कि जेडीयू के सांगठनिक चुनाव में हस्तक्षेप किया जाए. कोर्ट ने कहा कि याचिका संविधान के अनुच्छेद 226 के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है, ऐसे में याचिका खारिज की जाती है. अनुच्छेद 226 हाईकोर्ट को ये अधिकार देता है कि अगर किसी व्यक्ति के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो तो वो आदेश जारी कर सकती है. गोविंद यादव ने याचिका दायर कर कहा था कि जेडीयू का 2016, 2019 और 2022 में जो सांगठनिक चुनाव हुआ था, वो पार्टी के संविधान का उल्लंघन कर हुआ था.

Advertisement

याचिका में कहा गया था कि 1 अप्रैल 2016 को निर्वाचन आयोग को दी गई सूचना में कहा गया था कि पार्टी के सांगठनिक चुनाव के जरिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है. जबकि, नीतीश कुमार को पार्टी का अध्यक्ष 10 अप्रैल 2016 को नेशनल एग्जीक्यूटिव ने चुना था.

Advertisement

याचिका में कहा गया था कि नेशनल एग्जीक्यूटिव की ओर से हुए चुनाव के विवादित होने के बावजूद नेशनल काउंसिल ने 23 अप्रैल 2016 को नीतीश कुमार के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन की पुष्टि की थी. नेशनल काउंसिल की ओर से नीतीश कुमार के अध्यक्ष पद पर निर्वाचन की पुष्टि करना पार्टी के संविधान का उल्लंघन था.

Advertisement

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 29ए के तहत निर्वाचन आयोग का काम केवल राजनीतिक दल के रजिस्ट्रेशन के आवेदन पर विचार करना और अगर कोई तथ्यात्मक बदलाव होता है तो उसकी सूचना रखना सुनिश्चित करना है. जैसे ही कोई राजनीतिक दल का रजिस्ट्रेशन हो जाता है निर्वाचन आयोग की परीवीक्षण की भूमिका खत्म हो जाती है.

Advertisement
Advertisement

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

વૉટ્સ એપ ચેનલમાં જોડાવા ક્લિક કરો
- Advertisement -
- Advertisement -

વિડીયો

- Advertisement -
error: Content is protected !!